आचार्य तुलसी भक्तों के लिए कल्पवृक्ष,कामधेनु और चिंतामणी थे : केन्द्रीय मंत्री मेघवाल

बीकानेर । आचार्य तुलसी की 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को सुबह शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा प्रातः 7 बजे तेरापंथ भवन से निकली जो गंगाशहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए नैतिकता का शक्तिपीठ पहुंची। शोभायात्रा में किशोर मण्डल, कन्या मण्डल, महिला मण्डल, अणुव्रत समिति, गंगाशहर, भीनासर, बीकानेर द्वारा सजीवित झांकिया बनाकर आकर्षण का केन्द्र बना दिया।

मुख्य समारोह से पूर्व सुबह 6 बजे अखण्ड जप प्रारम्भ हुआ जो सायं 6 बजे तक निरन्तर चला। नैतिकता का शक्तिपीठ में सैंकड़ों जनों ने अखण्ड जप में भाग लिया। नैतिकता का शक्तिपीठ में सुबह 9 बजे मुख्य समारोह का आयोजन किया गया । समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, विशिष्ट अतिथि विधायक डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी, पूर्व मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला रहे। समारोह की अध्यक्षता नगर निगम महापौर नारायण चौपड़ा ने की। कार्यक्रम की विधिवत् शुरूआत नवकार मंत्र से हुई।

मुझे गुस्सा नहीं आता और गाली नहीं देता इसका मुख्य कारण आचार्य तुलसी है। क्योंकि बचपन में एक बार वे जब स्कूल पधारे थे तब उन्होंने कहानी के माध्यम से यह बात समझाई थी कि किसी को पिटना तो क्या गाली देना भी हिंसा है। जिसकी अनुपालना में अब भी कर रहा हूं। यह बात केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने आज नैतिकता का शक्तिपीठ पर आचार्य तुलसी की 21वीं पुण्यतिथि पर आयोजित मुख्य समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा मुझे आचार्यश्री महाश्रमण ने तेरापंथी एमपी घोषित किया है। आचार्यश्री तुलसी ने गंगाशहर की धरा का महाप्रयाण के लिए चयन करके गंगाशहर वासियों को गौरवान्वित किया है। आचार्यश्री तुलसी हमेशा छोटी-छोटी घटनाओं के माध्यम से जन-जन तक अणुव्रत का संदेश देते थे।  उन्होंने कहा कि अभी मुनिश्री ने जो बात कही कि आचार्यश्री भक्तों के लिए आचार्यश्री तुलसी भक्तों के लिए कल्पवृक्ष कामधेनु और चिंतामणी थे वो सही है। मैं स्वयं उनका भक्त हूं। उन्होंने कहा कि आज इस समारोह में कन्या मण्डल व किशोर मण्डल ने एक अच्छा विषय दिया है अणुव्रत एयरलाईन्स। उम्मीद करते है कि अगली पुण्यतिथि तक प्राईवेट क्षेत्र पर निवेशकों के सहयोग से “अणुव्रत एयरलाईन्स“ को स्थापित करने का भरसक प्रयास करूंगा। जो पूरी होगी। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता बनाये जाने के चुनाव आयोग के निर्णय की बैठक में जब उनको बताया कि आचार्य तुलसी ने 1949 में अणुव्रत के तहत ऐसे नियम बनाये कि उसको अपनाने से आदर्श आचार संहिता का पालन हो जाए। आचार्यश्री तुलसी के अणुव्रत संदेशों को पूरे देश में फैलायें जाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. गोपाल जोशी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन प्रेरणा देने वाले गुरूदेव की पुण्यतिथि का दिन है। आचार्यश्री तुलसी विवेकानन्द, रविन्द्रनाथ टैगोर, आर्यभट्ट के समान भारत के रत्न थे। डॉ. जोशी ने कहा कि गुरूदेव आचार्यश्री तुलसी 22 वर्ष की अवस्था में इतने बड़े धर्म संघ के आचार्य बनेे। उन्होंने कहा कि अणुव्रत के संदेश को प्रचारित करने के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक उन्होेंने 1 लाख किलोमीटर की पैदल यात्रा की। उन्होंने कहा कि अणुव्रत आन्दोलन मानवता को धर्म की मूल बातें समझाने का प्रयास करता है।

समारोह में पूर्व मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आचार्यश्री तुलसी ने हमेशा निष्पक्ष, अनुशासन और संयम के साथ जीवन जीने का उपदेश दिया। डॉ. कल्ला ने सभी को अपने जीवन में अणुव्रत का प्रयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ‘ऊँ’ शब्द का शाब्दिक अर्थ सभी धर्मों को जोड़ता है। सभी धर्म में ‘ऊँ’ शब्द का उपयोग किया जाता है। ओम शब्द के साथ ही सभी आध्यात्मिक कार्यों की शुरूआत होती है। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री तुलसी की पुण्यतिथि पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम एक दूसरे के साथ मिलकर कार्य करें तथा एक दूसरे का विकास करें।

समारोह को सम्बोधित करते हुए आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि युग पुरूष, अणुव्रत, अनुशासन आचार्य तुलसी दलितों के मसिहा थे, उन्होंने जीवन भर नशामुक्ति के लिए जीवन अर्पण करते हुए एक लाख किमी की यात्रा की। अध्यक्ष छाजेड़ ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत भी किया। छाजेड़ ने कहा कि गुरूदेव तुलसी की 21वीं पुण्यतिथि है और जैन महासभा द्वारा लागू किये गये 21 व्यंजन सीमा अभियान के लिए अपने आपको संकल्पित करें। इस पर कई महिलाओं ने मुनिश्री से 21 व्यंजन सीमा अभियान के संकल्प स्वीकार किये।

आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के महामंत्री जतनलाल दूगड़ ने बताया कि 11ः20 से 11ः30 तक दस मिनट तक अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जप का आयोजन किया गया। समारोह के बीच में मुनिश्री पीयूष कुमारजी ने सभी को समारोह स्थल पर मंत्रोच्चारण के साथ दस मिनट का जप करवाया।

साध्वी मधुरेखाजी ने कहा कि गणाधिपति गुरूदेव तुलसी का धरती पर आगमन मानवता के कल्याण के लिए हुआ था। गुरूदेव ने अणुव्रत के माध्यम से जन-जन तक नैतिकता का संचार करने का प्रयास किया और लाखों लोगों में अणुव्रत की चेतना जाग्रत हुई है।

साध्वी डॉ. परमयशाजी ने कहा कि गुरूदेव तुलसी राजस्थान की धरती पर प्रकाश बनकर आये। गुरूदेव तुलसी मेन से सुपर मेन बनकर जीवन जीने की प्रेरणा देते रहे। गुरूदेव तुलसी युगदृष्टा थे। उन्होंने युग में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का अथाह प्रयास किया। गुरूदेव तुलसी के अवदान सम्पूर्ण विश्व के लिए शान्ति-सुखमय जीवन जीने की प्रेरणा दे रहा है।

मुनिश्री गिरीश कुमारजी ने कहा कि भारतीय साहित्य में तीन चीज बहुत प्रसिद्ध है। कामधेनु, कल्पवृक्ष और चिंतामणी। तीनों चीजों से सम्पूर्ण सुख सुविधा मिलती है। आचार्यश्री तुलसी के जीवन से हर भक्त की कामना पूर्ण हुई है। आचार्यश्री तुलसी भक्तों के लिए कल्पवृक्ष कामधेनु और चिंतामणी थे। मुनिश्री ने कहा कि आचार्यश्री ने हर व्यक्ति को मान-प्रतिष्ठा दिलवाई, वे सब को साथ लेकर चले। मुनिश्री ने कहा कि अणुव्रत के माध्यम से गुरूदेव तुलसी ने राष्ट्रपति भवन से लेकर गरीब की झौपड़ी तक पहंुचे और अणुव्रत से सभी को धर्म का मर्म समझाने का प्रयास किया। समारोह में साध्वी कमलप्रभाजी ने कहा कि आज हम “महामानव“ की आराधना कर रहे है। हम विराट व्यक्तित्व-कृतित्व के धनी आचार्यश्री तुलसी को शब्दों में नहीं बांध सकते। जैसे आकाश, सागर तथा राम का व्यक्तित्व का कोई छोर नहीं है वैसे ही गुरूदेव तुलसी का व्यक्तित्व था।

समारोह में सूर्यप्रकाश सामसुखा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि उपासक श्रेणी में 550 उपासक है। जो पूरे देश में धर्म आराधना में सहयोग कर रहे हैं। अणुव्रत, गंगा, प्रेक्षाध्यान, जमुना और जीवन विज्ञान, सरस्वती के रूप में तीन महान अवदान मानवता को प्रदान किये हैं। आज हम सभी तीनों अवदानों को जीवन में आत्मसात करें। महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि आचार्य तुलसी का जब ही स्मरण होता है तो उनके अवदान आंखों के सामने आ जाते है। आचार्यश्री तुलसी के मुख्य अवदान में जीवन विज्ञान, नशामुक्ति, प्रेक्षाध्यान, अणुव्रत, छूआछूत निवारण के लिए उन्होंने अथक प्रयास किया।

सान्निध्य प्रदान कर रहे मुनिश्री राजकरण ने कहा कि जीवन में हार-जीत महत्व नहीं होता, परन्तु सिद्धान्तों पर अडिग रहना महत्वपूर्ण है। सिद्धान्तों से हार गये तो यह एक की हार नहीं लाखोें की हार हो जायेगी। हमें अणुव्रत का मार्ग तो मिल गया लेकिन हमें इस मार्ग पर चलने वालों को ज्यादा से ज्यादा तैयार करना चाहिए।

समारोह में कन्या मण्डल बीकानेर की प्रज्ञा नौलखा व गंगाशहर की कनक गोलछा के नेतृत्व में “अणुव्रत एयरलाईन्स“ की प्रस्तुति दी गई जिसमें बाल कलाकारों ने कठपुतली बनकर आचार्यश्री तुलसी के अणुव्रत का संदेश दिया। कार्यक्रम के अन्त में आभार शान्ति प्रतिष्ठान के महामंत्री जतनलाल दूगड़ ने जताया। कार्यक्रम में आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान ने गंगाशहर किशोर मण्डल द्वारा कोलकाता में आयोजित अधिवेशन में विजेता रहने पर पूरे मण्डल का सम्मान किया गया। मंगलपाठ मुनि राजकरण जी ने सुनाया। कार्यक्रम का सफल संचालन जैन लूणकरण छाजेड़ ने किया।

समारोह में भाजपा अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य, महामंत्री मोहन सुराणा, राजाराम धारणिया, डॉ. पी.एस. बोहरा, सुरजाराम पुरोहित, विजय कोचर, गोकुल जोशी, विजयमोहन जोशी, सुरेन्द्र बधाणी, इन्द्रचन्द सेठिया, निर्मल दस्सारणी इत्यादि अनेक व्यक्तियों ने शक्तिपीठ पहुंचकर भावांजलि दी।

समारोह के दौरान स्वागताध्यक्ष कुन्दनमल धाकड़ एवं बसन्ती देवी धाकड़ का केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल द्वारा पताका व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का सम्मान कोषाध्यक्ष विमल चौपड़ा, विधायक डॉ. गोपाल जोशी का सम्मान टी.एम. लालाणी, डॉ. बी.डी. कल्ला का सम्मान मोहन सुराणा, सोहनलाल धाकड़ का सम्मान सत्यप्रकाश आचार्य, महापौर नारायण चौपड़ा का सम्मान पारसमल छाजेड़, मोहन सुराणा, सत्यप्रकाश आचार्य एवं विजयमोहन जोशी का सम्मान महामंत्री जतनलाल दूगड़ ने किया।