धधकते अंगारों पर अग्नि नृत्य तथा नायाब आतिशबाजी  के साथ ऊंट उत्सव का समापन

बीकानेर । देशी-विदेशी हजारों दर्शकों की साक्षी में रविवार को डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में 24वां ऊंट उत्सव रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, धधकते अंगारों पर अग्नि नृत्य तथा नायाब आतिशबाजी के साथ संपन्न हुआ। गुलाबी सर्दी में दर्शक कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुतियों के दौरान करतल ध्वनि कर सराहना कर रहे थे।

सांस्कृतिक संध्या का आगाज बीकानेर के प्रमुख कलाकार पुखराज शर्मा ने मांड राग पर आधारित गीत से किया। राकेश बिस्सा ने मरु प्रदेश की संस्कृति का साक्षात्कार सधे स्वरों से करवाया। मरु नगर के शशि कुमार सिंह व पार्टी ने कच्छी घोड़ी नृत्य, सुप्रसिद्ध युवा नृत्यांगना मानसी सिंह पंवार ने लोकप्रिय चरखूला नृत्य पेश कर तारीफ बटोरी।

पाली की गंगादेवी व पार्टी ने हाथों, पैरों व बाजुओं पर बंधे मजीरों की धुन को अन्य साजों के साथ मिलाते हुए लोकदेवता बाबा रामदेवजी की वंदना का भजन पेश कर कार्यक्रम को भक्तिमय बना दिया। फलौदी के अल्ला बक्श एवं पार्टी ने अपनी पारम्परिक लोकगायकी से आलाप व तानों का बेहतरीन उपयोग करते हुए लोकगीत, मिस मरवण की प्रतिभागियों द्वारा राजस्थानी पारम्परिक वेशभूषा में ’घूमर नृत्य’, बूंदी के हरि शंकर नागर व पार्टी ने हाडौती अंचल के किसानों की ओर से भरपूर खेती के बाद आयोजित होने वाले बैल नृत्य को तथा डीग (भरतपुर) के अशोक शर्मा व पार्टी ने मयूर व ब्रज की होली के गीत व नृत्यों की प्रस्तुति देकर तारीफ ग्रहण की।

जोधपुर की मोहनी देवी व पार्टी ने कालबेलिया नृत्य, श्रीगंगानगर के गुरु सिमरन एवं पार्टी ने पंजाबी गिद्दा व भंगड़ा, अलवर के बन्ने सिंह ने साइकिल की रिंग में गजब संतुलन व सामंजस्य रखते हुए रिम नृत्य तथा अलवर के उमर फारुख मेवाती ने मेवाजी परम्परा में भपंग का वादन करते हुए हास्य व्यंग्य के नगमों से उपस्थितजनों को हंसने-खिलखिलाने पर मजबूर कर दिया।

मालासर के महंत रघुनाथजी सिद्ध के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक जसनाथजी सम्प्रदाय के अनुयायियों ने जसनाथजी महाराज की स्तुति व वंदना के रूप में अग्नि नृत्यप्रस्तुत किया। पूनरासर, कतरियासर, मालासर आदि स्थानों के साधकों ने जसनाथजी के तीन शब्द के बाद चौथे शब्द’’नाचणिया’’ शुरू होते ही नगाड़े की थाप पर धधकते अंगारों पर अठखेलियां करनी शुरू कर दी। साधकों ने धधकते अंगारों को जहां मुंह में रखकर फूल की तरह सहजता से उछाला को सैलानी आश्चर्यचकित हो गए। साधकों ने अंगारों को हाथ में लेने, पैर से उछालने सहित विविध रोचक, रोमांचक परिदृश्य दर्शकों के सामने रखे। पूर्व में जसनाथजी महाराज की आरती व वंदना की गई।

कार्यक्रम में नगर विकास अध्यक्ष महावीर रांका, पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक भारती नैथानी, पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित, रवीन्द्र हर्ष, किशोर सिंह राजपुरोहित और ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।

फोटो प्रदर्शनी का हुआ समापन
जिला प्रशासन,पर्यटन विभाग, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर तथा लोकायन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में जूनागढ़ में आयोजित फोटो प्रदर्शनी सोमवार को पारितोषिक वितरण के बाद संपन्न हुई। प्रदर्शनी में नगर के 37 युवा छायाकारों ने ऊंट उत्सव,बीकानेर की कला,संस्कृति,वन्य जीव, ,खान-पान,जन जीवन आदि विविध विषयों के चित्र प्रदर्शित किए थे।

प्रदर्शनी के समापन पर मुख्य अतिथि स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर के उप महाप्रबंधक राकेश कौशल ने कहा कि युवा छायाकारों ने बीकानेर की कला, संस्कृति,वास्तु शिल्प तथा जन जीवन को अपने छायाचित्रों में प्रदर्शित किया है। किसी शहर की संस्कृति को उसके युवा ही जिन्दा रख सकते हैं। युवाओं ने बेहतरीन चित्राें के माध्यम से बीकानेर के वैभव को सजीव कर देशी-विदेशी पर्यटकों तक पहुंचाया है।

विशिष्ट अतिथि जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी हरिशंकर आचार्य ने कहा कि छायांकन के साथ विषय वस्तु को उभारते हुए उसे जीवंत बनाने का भरपूर प्रयास किया है। युवा छायाकारों ने नगर की बहुरंगी संस्कृति के साथ जन जीवन, स्थापत्य कला,खान-पान की वस्तुओं को नायाब तरीके से छायाचित्रों के माध्यम से दिग्दर्शित किया है।

पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक भारती नैथानी ने कहा कि प्रदर्शित चित्रों को पर्यटन विभाग के विभिन्न प्रचार माध्यमों के माध्यम से देश-विदेश तक पहुंचाया जाएगा। लोकायन संस्थान के गोपाल सिंह ने आयोजन के महत्व को उजागर करते हुए प्रदर्शित छायाचित्रों की मुक्तकंठ से सराहना की। मधुर व्यास व अनिल अरोड़ा ने युवा छायाकारों की कार्यशाला आयोजित करने तथा वीडियोग्राफी के माध्यम से नगर के वैभव को उजागर करने का सुझाव दिया।

इस अवसर पर दर्शकों की रैटिंग व अतिथियों के सुझाव के बाद सिद्धार्थ डागा को प्रथम, शरद बिस्सा को द्वितीय तथा रिजवान अली के छाया चित्र को तीसरा पुरस्कार दिया गया। सिद्धार्थ डागा के विदेश में रहने के कारण उनकी रिश्तेदार ने पुरस्कार हासिल किया। समारोह में बीकानेर हैरिटेज वॉक के दौरान युवा छायाकारों द्वारा खींचे गए चित्रों एवं यात्रा के संस्मरण व विशिष्टताओं को शब्दों में ढालने की फूडी देवता प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में ज्वाला दाधीच प्रथम, भारती मोहन व अजो श्वेता ने क्रमशः पहला, दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त किया। अतिथियों ने फूडी देवता प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया। पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।