मुख्यमंत्री राजे ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा

जालोर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित जालोर का हवाई दौरा किया। मारवाड़ के जालोर, सिरोही, पाली और बाड़मेर आदि जिले पिछले 10 दिनों से बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। बाढ़ के हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हवाई सर्वे किया।

उधर केन्द्र सरकार ने राजस्थान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद की घोषणा की है। पीएम नरेंद्र मोदी बाढ़ त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की मदद देंगे। वहीं घायलों को 50-50 हजार रुपए की अार्थिक सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार को प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों का फीडबैक लिया था और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर केंद्र को शीघ्र भेजने के अादेश दिए थे। राज्य सरकार की ओर से 196 गौशालों के लिए 21.24 करोड़ रुपए जारी किए गए।

सीएम वसुंधराराजे ने बताया कि जालोर की श्री गोपाल गोवर्धन गौशाला, पथमेड़ा तथा महावीर हनुमान नंदी गौशाला, गोलासन को हाल ही में 5.03 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है। गोलासन स्थित महावीर हनुमान गौशाला को 1 माह की अतिरिक्त सहायता राशि भी दी गई है।

सीएम राजे कुछ देर के लिए जालोर स्टेडियम में रुकीं और मीडिया से संवाद किया। आमतौर पर सीएम राजे पत्रकारों से बचतीं हैं। कुख्यात अपराधी आनंदपाल के एनकाउंटर पर जब प्रदेश भर में हंगामा हो रहा था, तब भी इस मुद्दे पर राजे न कोई पत्रकार वार्ता नहीं की। अब जब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं करने को लेकर सरकार की आलोचना हो रही थी तो 31 जुलाई को अपनी ओर से पहल कर सीएम राजे ने जालोर में पत्रकारों से संवाद किया। सीएम राजे ने कहा कि मेरे देर से आने की भी आलोचना की जा रही है। यदि मैं पहले आ जाती तो भी मीडिया कहता कि में प्रशासन को बचाव कार्य नहीं करने दे रही हूं। स्वाभाविक है कि मैं आती तो प्रशासन के अधिकारी मेरे साथ प्रोटोकॉल में रहते। सीएम ने कहा कि करो तो मरो और नहीं करो तो भी मरो। लेकिन मैं मीडिया को यह बताना चाहती हूँ कि जयपुर में बैठ कर भी मेरी नजर बाढ़ प्रभावित पाली, सिरोही, जालोर, बाड़मेर आदि जिलों पर लगी हुई थी। अधिकारियों को निर्देश देकर बचाव कार्य युद्ध स्तर कराएं जा रहे थे। मेरे पास जितने भी फोन आए उनकी सभी समस्याओं का समाधान तत्काल किया गया। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए लम्बी अवधि की योजनाएं बनानी चाहिए। जो तालाब, ऐनीकट अथवा अन्य जल भराव क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनकी मरम्मत युद्ध स्तर पर करवाई जाए। हमें ऐसी योजना बनानी चाहिए ताकि हमारे प्रदेश का पानी वेस्ट न हो। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सीएम राजे 31 जुलाई की शाम को ही वापस जयपुर लौट आईं।