बालिकाओं ने नाटक ‘नारी शक्ति, कोचर मण्डल ने सर्वधर्म समभाव’ का किया मंचन

बीकानेर। आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वर जी म.सा. के आशीर्वाद से बनी कोचर मण्डल के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित हीरक जयंती समारोह के अंतिम दिन रविवार को भक्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। इस दौरान सुबह से लेकर देर रात तक अनवरत धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति जारी रही। सुबह सकल कोचर कुल की भव्य शोभायात्रा निकाली गई और शाम से देर रात तक भक्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। आयोजन मण्डल के जितेन्द्र कोचर एवं सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि भक्ति एवं सांस्कृतिक संध्या में आर भारत म्यूजिकल ग्रुप के आमीर भियानी के नेतृत्व में इन्टरनेशनल ट्रोम्पेड प्लेयर्स ने अपनी प्रस्तुतियां देकर शमा बांधा।

वाद्ययंत्रों की जुगलबंदी से जब सभी कलाकारों ने अपने अद्भुत वाद्ययंत्रों की प्रस्तुती दी तब उसे सुनने वाला हर कोई अचंभित हुए बगैर नहीं रहा। राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली के वाद्ययंत्र कलाकार संजय भियानी ने प्यानो, युनस भाई ने तबले पर, मोहसीन ने सितार पर तो ड्रम पर वसीम भाई, संतूर पर अमन हुसैन, बैन्जो पर उमरदीन, वायलीन पर मन भवन, बांसूरी पर संदीप सोनी, नसतरंग पर मनीराम पथरोड़ ने तथा सेक्सोफोन पर भरत और माऊथ प्यानो पर एजाज भियानी, ढोलक पर ताहिर हुसैन, ब्रास सेशन पर अस्मत सोहिब ने एकल वादन प्रस्तुत किया और उसके बाद जुगलबंदी में देशभक्ति गीत ‘है प्रीत जहां की रीत सदा….., तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा……, सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा…की प्रस्तुती को सुन पूरा कोचरों का चौक तालियों की गडगड़़ाहट व देशभक्ति नारों से गूंजायमान हो उठा।

इसके साथ ही कोचर मण्डल की बालिकाओं द्वारा ज्योति व प्रेक्षा कोचर के निर्देशन में नारी शक्ति पर आधारित प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता ‘तू चल तेरे वजूद को समय की तलाश है’ के माध्यम से नाटक नारी शक्ति और नशे के दुष्प्रभावों से युवा पीढ़ी को होने वाले नुकसानों से अवगत कराते नाटक ‘व्यसन मुक्ति’ की भावपूर्ण प्रस्तुती ने सभी का मन मोह लिया। कोचर मण्डल की ओर से नाटक सर्वधर्म नहीं सिखाता हिंसा की प्रस्तुती दी गई वहीं अनुराग कला केन्द्र द्वारा ‘चारकोट’ नाटक का मंचन किया गया। इस दौरान वरिष्ठ भजन गायक मगन कोचर, महेन्द्र कोचर व श्रैयांष जैन सहित कोचर समाज के गायक कलाकारों ने भी भक्ति भजन प्रस्तुत किए। इसके अलावा कोचर मण्डल के थीम सॉन्ग को जब बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया पूरा माहौल तालियों की करतल ध्वनी व कोचर मण्डल अमर रहे के नारों से गूंज उठा।

भव्य शोभायात्रा का जगह-जगह हुआ स्वागत

भक्ति संगीत एवं सांस्कृतिक संध्या से पूर्व कोचरों के चौक से सकल कोचर समाज द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसका जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया। शोभायात्रा में ड्रेसकोड भी आकर्षकता लिए हुए था, शोभायात्रा में शामिल महिलाओं ने केसरिया साड़ी और बालिकाओं ने केसरिया ओढऩी-चुनरी धारण किये थे वहीं पुरुषों ने पीला कुर्ता व सफेद पायजामा तथा सर पर पचरंगी साफा धारण किये थे। कोचर कुल की देवी माता विशला ्रएवं वल्लभ गुरुदेव की सजीव झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। इसके अतिरिक्त झांकी में अराध्य देव अजीतनाथ भगवान, कोचर समाज के वंशज उरझोजी, गुरु वल्लभ का जैन एकता का संदेश देने वाली झांकी, बेटी बचाओ और व्यसन मुक्ति का संदेश देती झांकियां सजी थी।

यह शोभायात्रा जहां से भी गुजरी वहां पुष्पवर्षा से भव्य स्वागत किया गया। शोभायात्रा में ऊंटो पर सवार रोबीले, सरदारशहर का प्रसिद्ध आर भारत बैण्ड और दिल्ली का मामचंद ताशा पार्टी आकर्षण का केन्द्र रही। शोभायात्रा सेठिया मोहल्ला से ढढ्ढा चौक से होते हुए बड़ा बाजार से होते हुए बैदों के चौक होते हुए आसाणियों से नाहटा, रांगड़ी चौक से बेगाणी मोहल्ला होते हुए कोचरों के चौक पहुंची जहां से बीदासर बारी होते हुए गंगाशहर रोड स्थित उरझोजी के समाधी स्थल पर दर्शन कर वहां से गोगागेट स्थित कोचरों की दादाबाड़ी में पहुंच कर संपन्न हुई।

आकर्षण का केन्द्र रहा नसतरंग वादक

कार्यक्रम में यूं तो सभी वाद्ययंत्र अपनी विशेषताओं और मोहक सुरों के कारण आकर्षण का केन्द्र बने थे लेकिन मुख्य आकर्षण का केन्द्र लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड नामधारी एवं शाबास इण्डिया व कलर्स चैनल में अपने हूनर का प्रसारण कर चुके मनीरोड़ पथरोड़ का नसतरंग वादक रहा जिसे सुनने और देखने के लिए हर कोई लालायित था। मनीरोड़ ने दो वाद्ययंत्रों को गले पर लगाया और साधना के साथ ‘ऐ मेरे प्यारे वतन तुझ पे दिल कुर्बान…..’ की धुन बजाई पूरा कोचरों का चौक भारत माता की जय, वन्दे मातरम के नारों से गूंज उठा।(PB)