बीकानेर लोगों की जीवन शैली में आए बदलाव के कारण ही कमर, घुटना एवं गर्दन में दर्द से समस्या बढ़ी है। इसके अलावा असंतुलित भोजन से बढ़ रहा मोटापा घुटना दर्द का बड़ा कारक है। नियमित व्यायाम से इन समस्याओं पर बहुत हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। प्रतिदिन कम से कम एक घंटा टहलना स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त है। पत्रकारों से मुखातिब होते हुए एशियन बेरियट्रिक्स के चिकित्सक डॉ धीरज मरोठी व डॉ महेन्द्र नरवारिया ने बताया कि वर्तमान दौर में आ रहे बदलाव के कारण हर दूसरे आदमी में घुटना,कमर दर्द और मोटापे की शिकायत देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि जीवनशैली की आदतों का बड़ा असर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ता है। तीव्र शहरीकरण के साथ बीमारियों में भी बदलाव आया है, गैर-संचारी रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अकेले कार्डियोवैस्कुलर रोग देश में होने वाली एक चौथाई मौतों का कारण बन चुके हैं।

उन्होंने कहा कि खाने-पीने की गलत आदतों के चलते उच्च कॉलेस्ट्रॉल, मोटापा एवं कुपोषण जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसके अलावा बढ़ते तनाव के साथ हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं। दोनों ही चिकित्सकों ने इन रोगों से मुक्ति पाने के लिये नियमित रूप से व्याख्याम करने,सन्तुलित भोजन करने तथा पैदल चलने की सलाह दी। मोबाइल-कम्प्यूटर भी ज्यादा जिम्मेदार डॉ मरोठी ने बताया कि खानपान के अलावा बच्चों से बड़ों तक का सोशल मीडिया पर दिनभर व्यस्त रहना भी इन रोगों को बढ़ावा देने का मुख्य कारण है। अगर आंकड़ों की बात करें तो अगले 10 सालों में 1.5 मिलीयन भारतीय आबादी जोड़ों के दर्द की शिकार हो जायेगी और हालात ये होंगे कि उनके इलाच के लिये चिकित्सक उपलब्ध नहीं होंगे।
तकनीकी में आया बदलाव
डॉ मरोठी ने बताया कि घुटनों के ऑपरेशन के जहां पहले घंटों लगते थे वहीं आज कम समय में उच्च स्तरीय तकनीक से ऑपरेशन हो रहे है। डॉ महेन्द्र ने बताया कि आजकल मोटापे का भी लेजर से ऑपरेशन संभव हो गया है। उन्होंने बताया कि वे बीकानेर की सुगनीदेवी जैसराज अस्पताल में महिने में दो बार परामर्श देगें।