यादगार बन गया बाल साहित्य उत्सव, डॉ. नीरज दइया साहित्य सृजन पुरुष्कार से सम्मानित

बीकानेर । सम्भाग के श्रीगंगानगर जिले की नोजगे पब्लिक स्कूल एवं सृजन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को नोजगे ऑडिटोरिय में आयोजित बाल साहित्य उत्सव यादगार बन गया। कार्यक्रम में जहां देश के अनेक ख्यातनाम साहित्यकार शामिल हुए, वहीं नए प्रयोगों के तहत साहित्य को जनरुचि के रूप में प्रस्तुत किया गया। बच्चों की प्रतिभा देखकर बाहर से आए ख्यातनाम साहित्यकार भी चकित रह गए।

कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. दिविक रमेश (नई दिल्ली), नंद भारद्वाज (जयपुर), डॉ. विमला भंडारी (सलूंबर), डॉ. पद्मजा शर्मा (जोधपुर) एवं डॉ. नीरज दइया (बीकानेर) के साथ यहां के मोहन आलोक ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके की।

इसके बाद वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राष्ट्रबंधु की कहानी पर आधारित लघु फिल्म ‘फटी शर्ट’ का प्रदर्शन किया गया। इसमें एक बच्चे के अपने अभिभावकों की जिम्मेदारियों को समझ कर सीधी राह पर आने की प्रेरणा दी गई थी। इसके बाद डॉ. ब्रह्मानंद रचित नाटक ‘महाबलिदान’ का मंचन किया गया। नोजगे के बच्चों ने अपने जीवंत अभिनय से अमिट छाप छोड़ी। इसके बाद बच्चों ने मोहन आलोक, दिविक रमेश, नंद भारद्वाज, डॉ. विमला भंडारी, डॉ. पद्मजा शर्मा, डॉ. नीरज दइया, डॉ. कृष्णकुमार आशु, डॉ. अरुण शहैरिया ताइर, सुरेंद्र सुंदरम एवं डॉ. संदेश त्यागी की कविताओं का वाचन करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया।

सृजन सम्मान वितरित

कार्यक्रम के दौरान सृजन सेवा संस्थान की ओर से दिए जाने वाले सृजन पुरस्कारों एवं सम्मान वितरित किए गए। ग्यारह हजार रुपए का श्री गोपीराम गोयल सृजन कुंज पुरस्कार दिविक रमेश को, ग्यारह हजार रुपए का डॉ. विद्यासागर शर्मा सृजन सम्मान नंद भारद्वाज को, 5100 रुपए का वागीश्वरी सृजन सम्मान डॉ. पद्मजा शर्मा को और 5100-5100 रुपए के सुरजाराम जालीवाला सृजन पुरस्कार डॉ. विमला भंडारी एवं डॉ. नीरज दइया को प्रदान किए गए।

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी विजयकुमार गोयल, प्रहलादराय टाक, डॉ. वेदप्रकाश शर्मा एवं भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी मनीषा स्वामी मौजूद थीं। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बच्चों को साहित्य से जोडऩे की जरूरत पर बल दिया। सृजन के अध्यक्ष डॉ. कृष्णकुमार आशु ने स्वागत किया। आभार नोजगे के चेयरमैन पीएस सूदन ने व्यक्त किया। इस मौके पर श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले के अनेक साहित्यकार शामिल हुए।