नई दिल्ली। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिनांक 27 जून को राष्ट्रीय रक्त संरक्षण परिषद द्वारा एक 27 सदस्यों की उच्च स्तरीय कमेटी का गठन राष्ट्रीय रक्तदान नीति निर्धारित करने के उद्देश्य से किया गया। यह उच्च स्तरीय मीटिंग सभागार चन्द्रलोक बिल्डीग जनपथ नई दिल्ली पर आयोजीत की गयी। जिसमें 2020 तक भारत में कैसे शत्-प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान लक्ष्य प्राप्त किया जाए इसी को ध्यान में रखते हुए अनेक बिंदुओ पर चर्चा कि गयी।


राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद् द्वारा भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित इस अतिमहत्वपूर्ण बैठक में हितेष भांडिया को रक्तदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का प्रतीनिधीत्व करते हुए राजस्थान से एक मात्र सदस्य के रूप में नियुक्ती दी गयी। इस कमेटी में अधिकतर सरकारी कर्मचारी है। रक्तदान शिविरों का आयोजन करने वाली सस्थ्ंााओं का प्रतीनिधीत्व करते हुये राष्ट्रीय रक्तदान नीति निर्धारण के लिए जिसमें स्वैच्छिक रक्तदान को किस प्रकार से बढ़ावा दिया जाए एवं रक्तदान के क्षेत्र में आने वाली परेशानियां व सुझाव आदि के बारे में इस क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों के अनुभव सांझा करने हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इस संगोष्ठी में रक्तदान नीति निर्धारण से संबंधित भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस विशेषज्ञ कार्य समूह-स्वैच्छीक रक्तदान ने रक्त दान को बढावा देने के लिये प्रचार-प्रसार सामग्री कैसी हो़़, ब्लड डोनर कार्ड, ब्लड डोनर आइडेंटीफि केशन सिस्टम, अस्पतालो एवम् रक्त दाताओ को होने वाली परेशानीया, रक्तदान शिविरो का आयोजन करने वाली संस्थाओ को होने वाली परेशानीया, सोशल मिडिया से किस प्रकार रक्तदान को बढावा दिया जा सके, आदि बिंदुओ पर चर्चा एवम् निर्णय लिये गये। एकदिवसीय मेराथन मिटींग में सरकारी व प्राईवेट पार्टनषिप से किस प्रकार स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा दिया जाए ताकि अस्पतालों में मरीजों से बीमारी के समय तत्काल रक्त के बदले रक्तदान करने को बाध्य न किया जाए आदि कई ऐसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चिन्तन किया गया।


उल्लेखनीय है कि हितेष भांडिया ने अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा आयोजित वर्ष 2014 में एक दिन में 1,00,212 यूनिट रक्त संग्रहण कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में संस्था के नाम दर्ज करवाने में राष्ट्रीय संयोजक के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं एवं वर्ष 2016 में फिर से राष्ट्रीय संयोजक के रूप में परिषद् द्वारा लगातार प्रतिदिन भारत में कहीं न कहीं एक रक्तदान शिविर का आयोजन कर विश्व के सबसे लम्बे रक्तदान अभियान के रूप में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में परिषद का नाम दर्ज करवाया।