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नई दिल्ली (जेएनएन)। सड़कों पर चलने वाली हर चार गाडिय़ों में से सिर्फ 1 गाड़ी में ही ड्राइवर सीट बेल्ट लगाता है और दक्षिण भारत में रहने वाले लोग इस लाइफ-सेविंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। ऐसा एक ऑटोमोबाइल प्रमुख द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है। सर्वे में यह भी बताया गया है कि महिला चालकों के शेयरों में इस अनिवार्य नियम को छोड़ दिया गया है जबकि ड्राइविंग 68त्न पर पुरुष प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में 81त्न अधिक है।

मारुति सुजुकी द्वारा किए गए सर्वे ‘सीटबेल्ट यूज इन इंडिया’ को 17 शहरों में किया गया, जिसमें 2500 ड्राइवर्स और पैसेंजर्स में से 80 फीसद लोगों ने कहा कि सीट बेल्ट वह जुर्माना और पुलिस की कार्रवाई के डर से पहनते हैं। सर्वेक्षण में यह भी पाया गया है कि इस सुरक्षा सुविधा का उपयोग करने वाले ड्राइवरों का हिस्सा भी पड़ोसी मेरठ से कम है। सर्वे के मुताबिक 2016 में 5,638 रोड एक्सीडेंट में 15 लोगों की मृत्यु सीट बेल्ट न लगाने से हुई है।

वैश्विक अध्ययनों के मुताबिक सीट बेल्ट लगाने से एक्सीडेंट के दौरान मृत्यु का जोखिम 45त्न तक और गंभीर चोट 50% तक कम हो जाता है। इसके अलावा जो लोग कार चलाने के दौरान सीट बेल्ट नहीं बांधते हैं, दुर्घटना के दौरान उनके गाड़ी से बाहर आ जाने की संभावना 30 गुना ज्यादा रहती है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा स्ङ्क चलाने वाले लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं। वहीं, हैचबबैक में 72%, सेडान में 68त्न और लग्जरी कारों में 64त्न लोग सीटबेल्ट नहीं लगाते हैं।