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जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के मार्बल, ग्रेनाइट एवं कोटा स्टोन एसोसिएशनों की मांग पर खनिज मार्बल, ग्रेनाइट एवं लाइमस्टोन पर रॉयल्टी की दरों में की गई 30 प्रतिशत तक की वृद्धि को घटाकर दस प्रतिशत तक करने की घोषणा की है। जीएसटी की दरों में कमी के लिए शनिवार को मुख्य मंत्री का आभार व्यक्त करने मुख्यमंत्री निवास पर आए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के मार्बल, ग्रेनाइट एवं कोटा स्टोन्स एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने राजे से मार्बल के बढ़ते आयात, फ्लोरिंग में विट्रीफाइड टाइल्स के बढ़ते उपयोग तथा पड़ौसी राज्यों की दरों को ध्यान में रखते हुए रॉयल्टी की बढ़ी दरों को कम करने की मांग की थी।

इस पर मुख्यमंत्री ने खनिज मार्बल (स्लैब्स, टाइल्स एवं अनियमित आकार के ब्लॉक), ग्रेनाइट एवं लाइमस्टोन (डाइमेंशनल-कोटा एवं झालावाड़) पर रॉयल्टी की दरों में की गई 30 प्रतिशत तक की वृद्धि को घटाकर दस प्रतिशत तक करने की घोषणा की। नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी तथा उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी के नेतृत्व में खनन व्यवसायियां ने मार्बल, ग्रेनाइट सहित विभिन्न वस्तुओं की जीएसटी दरों में की गई कमी के लिए भी राजे का आभार व्यक्त किया। इन खनन व्यवसायियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के सतत् प्रयासों और प्रभावी पैरवी के कारण जीएसटी काउन्सिल ने मार्बल एवं ग्रेनाइट स्लैब एवं इससे बनी वस्तुओं, सिरेमिक टाइल्स आदि की जीएसटी दर में ंकटौती कर प्रदेश के खनन उद्योग को संजीवनी दी है।

इस उद्योग से जुड़े प्रदेश के लाखों कारोबारियों, कारीगरों, श्रमिकों को इससे बड़ी राहत मिली है। खनन व्यवसायियों ने कहा कि राजे ने उनकी पीड़ा को समझा और प्रदेश के खनन उद्योग जगत के हित में लगातार प्रयास किए। जीएसटी दर कम होने से आमजन के लिए भी मकान बनाना भी आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के बाद अब रॉयल्टी की बढ़ी दरों में कमी होने से माइनिंग उद्योग को सरकार का प्रोत्साहन मिला है। मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील निर्णय से निश्चय ही पूरे मार्बल, ग्रेनाइट और कोटा स्टोन उद्योग में खुशी की लहर है। इस अवसर पर संसदीय सचिवशत्रुघ्न गौतम, किशनगढ़ विधायकभागीरथ चौधरी, मकराना विधायकश्रीराम भींचर, रामगंजमंडी विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल, चित्तौडग़ढ़ विधायकचन्द्रभान सिंह आक्या सहित निम्बाहेड़ा, मकराना, बोरावड़, बिदियाद, राजसमंद, किशनगढ़, चित्तौडगढ़, रामगंजमंडी, सावर सहित अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए माइनिंग एसोसिएशनों के पदाधिकारी मौजूद थे।