बीकानेर । पी एस डी भवन में आयोजित सम्मान समारोह में सामाजिक योगदान हेतु समर्पित भाव रखने वाली 9 महिलाओं का सम्मान किया गया स्वागत भाषण देते हुए समिति के महा सचिव डॉ.एम एल व्यास ने कहा कि गत 38 वर्षों से निरंतर यह समिति नारी उत्थान के कार्यों में लगी हुई है ।

90-90 दिनों के सिलाई, कढाई, बुनाई शिविर से प्रशिक्षित होकर सैकडों असहाय महिलाओं ने रोजगार प्राप्त किया है । अतिथि डॉ.बी.डी.कल्ला ने कहा कि हमारे लिए नारी का सम्मान ही अपना सम्मान होता है । हमारे शास्त्रों में भी नारी को उचित स्थान दिया गया है । नारी अबला नहीं सबला है । वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास “विनोद” ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी मातृशक्ति कमजोर नहीं है । वह हर विपदा का हंसते हुए मुकाबला करने में सक्षम है । श्री संगीत भारती के निदेशक डॉ.मुरारी शर्मा ने कहा कि इतनी व्यस्तता के बावजूद स्त्रियां सभी को उचित समय देती है ।

डॉ.सीताराम गोठवाल ने कहा कि नारी पूजनीय है वह गम्भीर है तो सहनशील भी है । डॉ.बसंती हर्ष, डॉ.संजू श्रीमाली, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ.प्रीति गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए । विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक अवदान देने वाली नव दुर्गाओं का सम्मान किया गया जिनमें साहित्यिक क्षेत्र में अवदान हेतु वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती आनन्दकौर व्यास, डॉ.मेघना शर्मा, कु.मीनाक्षी स्वर्णकार को, शिक्षा सेवा में अवदान हेतु श्रीमती संतोष कच्छावा, श्रीमती सुमन औझा को, समाज सेवा में श्रीमती अरुणा भार्गव को, संगीत शिक्षण में अवदान हेतु डॉ.कल्पना शर्मा को, विधि क्षेत्र में अवदान हेतु एडवोकेट सुमन कंवर को और संचालन क्षेत्र में अवदान हेतु अनुश्री जोशी को संस्था द्वारा सम्मानित किया गया । सम्मान पत्रों का वाचन कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार और डॉ.सुधा आचार्य ने किया ।

 

कार्यक्रम में श्यामसुन्दर पांडे, भगतीराम पांडे, सत्यनारायण शर्मा, चतुर्भुज शर्मा, सुमन स्वर्णकार, हनुमान कच्छावा, शिवशंकर शर्मा, देवनेमी घई, डॉ.सुषमा बिस्सा, प्रेमनारायण व्यास, गिरिराज पारीक, घनश्यामसिंह, डॉ.एस.एन.हर्ष, रेणु जोशी, सुलोचना गोठवाल, श्वेता रंगा, वृन्दा जोशी, बद्रीदास जोशी ने भी विचार प्रकट किए । आभार डॉ.अजय जोशी ने ज्ञापित किया ।