काठमांडू। नेपाल प्रगतिशील लेखक संघ भी जयपुर की तर्ज पर काठमांडू में समानांतर साहित्य उत्सव (पीएलएफ) आयोजित करने पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही उसने भारत के प्रगतिशील लेखक संघ से दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया है। राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव ईशमधु तलवार के नेतृत्व में नेपाल पहुंचे भारतीय लेखकों और पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल के स्वागत में आयोजित एक बैठक में उनका सम्मान भी किया गया।

नेपाल प्रगतिशील लेखक संघ की इस बैठक में संघ के अध्यक्ष मातृका पोखरेल ने अपनी पीड़ा जताई की हिंदी साहित्य प्रचुर मात्रा में नेपाल पहुंच रहा है, लेकिन नेपाल में लिखे जा रहे साहित्य से भारतीय पाठक रूबरू नहीं हो पा रहे हैं। इसके लिए अनुवाद की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। इस पर ईशमधु तलवार ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत का प्रगतिशील लेखक संघ भी इस दिशा में पूरा प्रयास करेगा।

नेपाल प्रलेस के पूर्व उपाध्यक्ष गोपाल ठाकुर ने कहा कि नेपाल में भी लिट् फेस्ट की अपसंस्कृति विकसित हो रही है और इसके प्रतिरोध में हम भी समानांतर साहित्य उत्सव आयोजित करने पर विचार कर रहे हैं। नेपाल प्रलेस के पूर्व अध्यक्ष अमर गिरी ने नेपाल के प्रगतिशील लेखक आंदोलन पर विस्तार से रोशनी डाली।

ईशमधु तलवार ने भारत के प्रगतिशील लेखक आंदोलन के इतिहास को रेखांकित करते हुए राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से अगले साल जयपुर में आयोजित होने वाले समानांतर साहित्य उत्सव में आने के लिए नेपाल के लेखकों को न्यौता दिया। उन्होंने इसमें पूरा उत्साह दिखाया और भारतीय लेखकों को नेपाल आमंत्रित करने का विचार भी रखा। इस अवसर पर नेपाल के लेखक, लेखिकाएं और पत्रकार बड़ी संख्या में मौजूद थे।भारत से बिहार के लेखक, पत्रकार सुधांशु सतीश, राजस्थान से हरीश गुप्ता, पूनम गुप्ता आदि शामिल थे।