नौजवान सदैव बनता है परिवर्तन का संवाहक : राजेन्द्र राठौड़  बीकानेर । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि छात्रसंघ, लोकतंत्र की फुलवारी है। इस फुलवारी से निकले अनेक युवा, आगे चलकर राजनीति में अपना मुकाम हासिल करते हैं।

राठौड़ शनिवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन का काल सबसे सुनहरा होता है। राजनीतिक जीवन की अट्टालिका इस नींव पर खड़ी होती है। उन्होंने छात्रजीवन को राजनीति की पहली पाठशाला बताया तथा कहा कि छात्रसंघ के पदाधिकारी अपने कार्यकाल में कुछ ऐसे कार्य करें, कि आने वाला समय उन्हें याद करे। उन्होंने कहा कि महाराजा गंगासिंह ने काल के कपाल पर विकास की ऐसी रेखाएं खींची, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि नौजवान सदैव परिवर्तन का वाहक बनता है। आज हमारे देश की 65 प्रतिशत आबाद 18 से 40 वर्ष के युवाओं की है। पूरी दुनिया में भारतीय युवाओं का डंका बज रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे युवाओं के कौशल विकास एवं नियोजन के लिए संकल्पबद्ध है। पिछले तीन वर्षों में राज्य के दस लाख युवा स्वरोजगार की ओर बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि युवा अपनी क्षमताओं का उपयोग समाज और देश के हित में करें।

ऊर्जा राज्यमंत्री पुष्पेन्द्र सिंह राणावत ने कहा कि कॉलेज लाइफ, जीवन का टर्निंग प्वाइंट होता है। विद्यार्थी इसे समझे और अपने जीवन की दिशा तय करे। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थी पूरे मन से शिक्षार्जन करे। उन्होंने छात्रसंघ पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दीं। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि सरकार, विश्वविद्यालय की समस्याओं के समाधान के प्रति सचेष्ट है। उन्होंने डूंगर और एमएस कॉलेज को विश्वविद्यालय का संगठक कॉलेज बनाने की बात कही।

राज्य युवा बोर्ड के अध्यक्ष भूपेन्द्र सैनी ने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सीख लेनी चाहिए तथा उनके पदचिह्नों का अनुसरण करना चाहिए। नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका ने कहा कि छात्र नेता, अपने शैक्षणिक संस्थान के उतरोतर विकास की ओर भी ध्यान दें। अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. भागीरथ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में गुरू परवेज संधु, त्रिभुवन सिंह तथा भगवान सिंह मेड़तिया ने भी विचार रखे। छात्रसंघ अध्यक्ष विक्रम सिंह सांडवा ने विधि संकाय को मान्यता दिए जाने की बात कही।

कार्यक्रम की शुरूआत में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। अधिष्ठाता, छात्र कल्याण राजाराम चोयल ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में करणप्रताप सिंह सिसोदिया, गुमान सिंह, करणीसिंह राठौड़, कुलसचिव प्रेमाराम परमार आदि मंच पर मौजूद थे। वहीं सभा स्थल पर सहीराम दुसाद, जेठानंद व्यास, उपकुलसचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा, सूरतगढ़ नगर पालिका के उपसभापति पवन ओझा, पूर्व सभापति अखिलेश प्रताप सिंह, युधिष्ठिर सिंह भाटी, जितेन्द्र सिंह राजवी, श्यामसिंह हाडला सहित अनेक जनप्रतिनिधि, विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

इससे पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ सहित समस्त अतिथियों ने महाराजा गंगासिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन किया।

बीकानेर साहित्य महोत्सव में हुआ कथारंग’ एवं हुनर और हौसले की कहानियां’ का जनविमोचन

ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कहानी, हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। यह हमें सांस्कृतिक भाव से एक-दूसरे से जोड़ती है।

राठौड़ ने शनिवार को धरणीधर रंगमंच में आयोजित बीकानेर साहित्य महोत्सव के दौरान यह बात कही। उन्होंने नगर के 150 कथाकारों की कहानियों के संग्रह ‘कथारंग’ एवं ‘हुनर और हौंसले की कहानियां’ को ऐतिहासिक बताया और कहा कि बीकानेर में इतनी बड़ी संख्या में साहित्यकार हैं, जिनकी कलम में सृजन हैं। उन्होंने कहा कि ‘कथारंग’ के 150 कहानीकारों में से 56 महिला कथाकार होना, यहां की समृद्ध साहित्यिक परम्परा को दर्शाता है। उन्होंने साहित्य को समाज का दर्पण बताया और कहा कि साहित्यकार कलम से अक्षरों के रूप में जो उकेरता है, उसमें समाज का अक्स दिखता है।

राठौड़ ने ‘कथारंग’ और ‘हुनर और हौसले की उड़ान’ की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ‘हुनर और हौसले की उड़ान’ के माध्यम से दूसरे लोगों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिले के गांव-गांव में साहित्य बसता है। यहां त्याग, तपस्या, बलिदान और प्यार की कहानी है, जिसे इस प्रकार के साहित्य में संकलित किया जाना चाहिए।

बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी ने कहा कि साहित्यकार, साहित्य रचकर समाज को दिशा बोध करवाता है। उन्होंने बीकानेर को हजार हवेलियों के साथ, हजार साहित्यकारों की भूमि बताया तथा कहा कि यहां साहित्यिक गतिविधियों का नियमित आयोजन होता है। उन्होंने कथारंग के समस्त कथाकारों को बधाई दी तथा कहा कि ये कहानियां समाज के लिए प्रेरणादायी होंगी। उन्होंने कहा कि साहित्यकार समाज को सच से रू-ब-रू करवाते हैं। साहित्यिक रचनाओं में शब्दों का उचित चयन एवं उपयोग अत्यंत जरूरी है।

अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकारी मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तर्ज पर बीकानेर में दो दिवसीय ‘बीकानेर लिटरेचर फेस्टिवल’ आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन धरणीधर रंगमंच पर ही किया जाएगा। इससे पहले स्वागत उद्बोधन देते हुए पत्रकार लक्ष्मण राघव ने कहा कि ऐसे आयोजनो से रचनाकारों को सम्मान मिलता है तथा उन्हें और अधिक सृजन की प्रेरणा मिलती है। आनंद जोशी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन हरीश बी. शर्मा एवं संजय आचार्य ‘वरूण’ ने किया। इस अवसर पर लाडनूं के राजेश विद्रोही और बीकानेर के आनंद वी. आचार्य ने ‘काव्यधारा’ के तहत कविताएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में कविता कोश के संस्थापक ललित कुमार का सम्मान किया गया।

तीन पीढ़ियों की कहानियों का संकलन

गायत्री प्रकाशन द्वारा साहित्यकार हरीश बी. शर्मा के संपादन में तैयार ‘कथारंग’ में 150 कहानीकारों की कहानियां संकलित की गई हैं। इस संकलन के सबसे वरिष्ठ कहानीकार 15 अगस्त 1931 को जन्मे राजानंद भटनागर हैं, जबकि सबसे छोटी कहानीकार जाह्नवी केवलिया का जन्म 4 सितम्बर 1998 को हुआ है। वहीं डॉ. मदन केवलिया, शरद केवलिया और जाह्नवी केवलिया की कहानियां संकलित कर, इस संकलन में तीन पीढ़ियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।

कार्यक्रम में पूर्व सरपंच रामकिसन आचार्य, उपमहापौर अशोक आचार्य, मधुरिमा सिंह, पूर्व पार्षद किशोर आचार्य, वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’, कन्हैयालाल जोशी, सरल विशारद, राजेन्द्र जोशी, बुलाकी शर्मा अनेक साहित्यकार मौजूद थे