जोधपुर: हम लोग कभी दीपावली मनाते हैं तो कभी होली। कभी ईद मनाते हैं तो कभी रक्षाबंधन। खुशियों के सात रंग सीधे आसमां से उतरते हैं धरती पर हमारे लिए!! पर कभी सोचा है कि हम क्यों महफूज हैं…कैसे सुरक्षित हैं..!! कौन है जो हमारा रक्षक है..। जो ईद या दीवाली..या फिर रक्षाबंधन…हर दिन 24 घंटे उस बोर्डर पर तैनात जहां दूर-दूर तक इंसान देखने को नहीं मिलता..ना नेटवर्क ना कुछ और। भूख हो या भले प्यास लगी हो…पर मां भारती की रक्षा में सीना ताने बस डटे रहना।

बहुत कम लोग हैं जो इनका ख्याल कर पाते हैं…उस समय जब हिंदोस्तान में खुशियों के पर्व आते हैं..!! आईए हम आपको बताते हैं हिंदोस्तान की उस बहना की कहानी जो पिछले कई सालों से घर परिवार छोड़ अपने बोर्ड पर तैनात अपने फौजी भाईयों और देश की सुरक्षा के लिए तैनात जिम्मेदार अधिकारियों को राखी बांधने जाती है, सात दिन तक बॉर्डर पर रहती है, हजारों फौजी भाईयों की सूनी कलाईयों पर राखी बाँध, रक्षाबंधन को भारत रक्षा पर्व के रूप में मनाती है। इस बार 24 अगस्त को राखी पर्व की बाड़मेर से शुरूआत, बोर्डर होते हुए कोटेष्वर तक और 30 अगस्त को गाँधीनगर हेडक्वाटर में समापन। इन सात दिनों में पार्वती ने केलनोर, सरूपे का तला, जानपालिया, नया ताल, ब्राह्मणो की ढाणी, सुइगाम, नाराबेट, सरगुड़ी, जगमाल, आकुर्डिया, तनवर, रिड़मल, खेजडिया, परबना, नन्देश्वरी, गोल-हिल, बशीर, धरणीधर, अम्बाजी, लिम्बोनी, वाव, रण, नारायण सरोवर, कोटेश्वर, धर्मशाला, इंडिया ब्रिज, हरदोई, सहित कई सीमा चैकियों, फैंसिग पर गस्त करते जवानों, गुजरात फं्रटीयर के तीनों सेक्टर की सीमांत चैकियों पर तैनात हजारों फौजी भाईयों की सूनी कलाइयों पर राखी बाँधी, बॉर्डर पर वृक्षारौपण किया। बाड़मेर के डी.आई.जी. श्री गुरूपालसिंह, भुज के डी.आई.जी. श्री समुन्दरसिंह डबास, गाँधीनगर के डी.आई.जी. श्री रामकृपाल सिंह सहित बी.एस.एफ. के सैंकडों अधिकारीयों के राखी बाँधी, सभी फौजी भाईयों की दीर्घायु के लिए प्राचीन रावणकालीन कोटेष्वर महादेव में अनुष्ठान किया।

तथा आज गुजरात फ्रंटीयर मुख्यालय के डी.आई.जी.-जी. श्री राजसिंह राठौड़ सहीत मुख्यालय के अधिकारीयों के राखी बाँध इस यात्रा का समापन किया। नाराबेट बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी में बी.एस.एफ. ने पार्वती को मुख्यातिथि बना दिया सरप्राइज गिफ्ट-एक बहन के लिए रक्षाबंधन के दिन इससे बड़ा सरप्राइज क्या होगा, जब भाई उसे विषेष समारोह में चीफ गेस्ट बना आशीर्वाद दे, जी हाँ रक्षाबंधन के दिन गुजरात-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित नाराबेट बॉर्डर पर हुई रिट्रीट सेरेमनी पार्वती के लिए हमेशा यादगार बन गई। जब हजारों लोगों के बीच बी.एस.एफ. ने एनांउस किया कि आज हमारे चीफ गेस्ट है, युवा संसद,भारत कि चैयरपर्सन, हिन्दोस्तान की बेटी और हमारी अपनी सिस्टर ऑफ बी.एस.एफ. पार्वती जाँगिड़ । पार्वती ने बताया की ये शब्द सुनते ही बी.एस.एफ. के लिए मेरी आँखों में स्नेह की गंगा बहने लगी। मौजूद हजारों लोंगों ने व बी.एस.एफ. के मेरे अपने भाइयों ने खड़े होकर सम्मान किया, ये गौरवान्वित पल मेरे जिन्दगी के अहम पल बन गये, इसे कभी नहीं भूलंगी।


रिट्रीट सेरेमनी में बतौर मुख्य अतिथि पार्वती ने कहा- गुजरात फ्रंटियर, बी.एस.एफ. गांधीनगर सेक्टर और विशेष बी.एस.एफ. के मेरे सभी वीर योद्धा भाइयों सहित असिस्टेंट कमांडेट श्री पारस जी का हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ, कि भारत की एक बेटी को इतना बड़ा सम्मान दिया और वादा करती हूँ कि बी.एस.एफ. के ध्येय वाक्य जीवन पर्यन्त कर्त्तव्य को मैं भी पूर्ण ईमानदारी के साथ निभाऊंगी, एक बहन का पूरा फर्ज निभाऊंगी। श्रेष्ठ राष्ट्र निर्माण में अपनी आहुति दूंगी। इंटरनेशनल बॉर्डर को सिक्योर करने वाली सभी बलों को रिटायरमेंट के बाद पेंसन मिले और शहादत को सम्मान के साथ शहीद का दर्जा मिले, जबकि अब तक ऐसा नहीं है, इस पर काम करती रहूंगी, उम्मीद है श्री नरेन्द्रमोदी के मार्गदर्शन में जल्द अच्छा होगा। सेरेमनी में पार्वती ने लोगों से आहवाहान किया कि हम सब एक श्रैष्ठ नागरिक का दायित्व निभाएं, देष की सुरक्षा करना केवल सुरक्षा बलों, सेना का ही काम नहीं है, हम सबका है, विषेष सीमांत क्षैत्र के लोगों का, अगर हमारे आस पास कोई अवांछनीय गतिविधि नजर आये, किसी पर देष विरोधी गतिविधि का शक हो तो उसकी सूचना तुरंत बी.एस.एफ. पोस्ट को, या नजदीकी पुलिस थाने में देंना चाहीए।
अपने बाल विवाह को नाकाम कर समाज के लिए हुई समर्पित, पढ़ाई के लिये संघर्ष किया, जोधपुर में सिविल सेवा की तैयारी के लिये 2013 में कोचिंग संस्थान गईं .. फिर उसी दौरान वहां से गुजरते हुए बस एक घटना की साक्षी बनीं, जब उन्होंने कुछ युवाओं को मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला को छेड़छाड़ करते हुए देखा, जहाँ आस पास के लोग उस एक अर्धनग्न महिला को देख रहे थे और हंस रहे थे, फिर पार्वती ने अपनी चुन्नी से उसके तन को ढका और उस घटना को विराम दिया, इससे उन्हें अपने भीतर की पार्वती से मिलने का अवसर मिला और उस घटना से उन्होंने अपने भीतर कुछ बदलाव महसूस किया, और बस कुछ करने की ठान ली, हम हर रोज ऐसी घटनाओं से रूबरू होते हैं पर कितने हैं जो ऐसी घटनाओं से कुछ भीतर तक टूट जाते हैं. कितने हैं जिनके दिल में दर्द उठता हो ये सब देखकर, बस वहीं भावना पार्वती को खास बनाती है, उस मानसिक विक्षिप्त महिला का दर्द उन्होंने खुद महसूस किया और महिलाओं के लिये तथा इस देष के लिए कुछ करने को खुद को भारत माता के श्रीचरणों में समर्पित कर दिया।

यहीं से उनकी समाज सेवा की यात्रा प्रारंभ हुई, 2015 में उन्होंने फिर यूथ पार्लियामेंट संगठन की स्थापना की, बालिकाओं की शिक्षा के लिये बहुत सारे प्रयास किये, इतना ही नहीं समाज के लिये समर्पित पार्वती यहीं नहीं रुकीं बल्कि देश के लिये शहीद होने वालों के परिवार के सम्मान के लिये और सैनिकों के लिये “भारत श्री” सम्मान की पहल की शहीद की वीरांगना के साथ माता-पिता के नाम के आगे “भारत श्री” लगाने की परम्परा प्रारम्भ कर, शहीद परिवारों के सुख दु:ख में साथ देना प्रारम्भ किया, देशभक्ति होती तो बहुत लोगों के दिल में पर जो इस भावना को सही में सच करके दिखाए वो नाम है पार्वती का, अपने इसी समर्पण भाव से किये गए कार्यो के लिये उन्हें बहुत सारे सम्मानों से नवाजा गया है, जिनमें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, राज्यपाल कल्याण सिंह, व्हाइट हाउस अमेरिका प्रसंशा पत्र, वीमेन प्राइड, बीएसएफ की ओर से सिस्टर ऑफ बीएसएफ सम्मान, भारत गौरव, विश्वकर्मा रत्न सहित कई सम्मान सम्मिलित हैं, यूथ पार्लियामेंट की फाउंडर के साथ वैष्विक सदभावना दूत (ग्लोबल गुडविल एंबेसडर) भी हैं पार्वती, उनकी राष्ट्रवादी सोच की प्रषंसा करने में प्रधानमंत्री जी के साथ-साथ यूएन की शांतिदूत मलाला यूसुफजई भी शामिल हैं, दिखावे को छोड़कर सच्चे दिल से राष्ट्र के लिये और महिलाओं के लिये समर्पित पार्वती को मलाला उनके अद्भुत विचारों के लिये बधाई भेजी, कई सालों से हर साल पार्वती बीएसएफ जवानों को राखी बांधती आ रही हैं, बीएसएफ के लिए कार्य करना भी उनकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है, बीएसएफ के स्वर्ण जयंती समारोह 2017 में सम्मानित होने वाले बीएसएफ के 2 वरिष्ठ अधिकारीयों सहित पार्वती एकमात्र सिविल पर्सन थीं।

स्त्री और पुरुष में भेदभाव की सोच को नकारती हुई पार्वती ने हमेशा स्त्रियों के लिये सम्मान की बात कही, फालतू रिवाजों और बेडिय़ों में बंधी महिलाओं को अपने अस्तित्व के बारे में जगाने में हमेशा प्रयासरत हैं पार्वती, श्रेष्ठ राष्ट्र निर्माण के लिए आगे आएं युवा-राष्ट्र निर्माण और विकाश के लिए युवाओं की भागीदारी आवश्यक है। वर्तमान समय में गलत राह चुनकर भटक रहे युवाओं को सही रास्ते पर लाना मेरा मकसद है, साथ ही भारत विश्व गुरु बने उसके लिए अधिक से अधिक युवा राष्ट्र कार्यों के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर, समाज व राष्ट्र कार्य करें। है। – पार्वती जांगिड़ सुथार, चेयरपर्सन- युवा संसद, भारत। ग्लोबल गुडविल एम्बेसडर।(PB)