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बीकानेर। विश्वभाषा दिवस पर आयोजित दो दिवसीय उपवास संकल्प कार्यक्रम के तहत आज राष्ट्रीय स्तर पर एक दिवस का उपवास भारतीय भाषाओं की समृद्धि एवं प्रमुख रूप से देश की महत्वपूर्ण भाषा राजस्थानी को मान्यता दिलाने के समर्थन में हजारों गणमान्यों ने उपवास रखा, जिससे विश्व के सबसे लम्बे अहिंसात्मक भाषा आंदोलन को बल मिलेगा। राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कवि-कथाकार कमल रंगा ने बताया कि प्रज्ञालय एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा गत 40 वर्षो चार दशकों से चलाए जा रहे राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता एवं प्रदेश दूसरी राजभाषा बनाने के अहिंसात्मक आंदोलन की निरन्तरता में आज संस्था के अनुरोध पर डॉ. नरेश कुमार ‘सागरÓ हापुड़ (यू.पी.) नीरज सिन्हा यू.पी अवनेश ‘कबीरÓ चौहान-सम्भल, खलीक अहमद खां-फैजाबाद, डॉ. अर्पण जैन ‘अविरलÓ-इंदौर कैलाश सोनी Óसार्थकÓ (म.प्र.) ललिता बी जोगड़ मुंबई टिकेश्वर सिन्हा-बालोद (छतीसगढ़), सुरेश रायपुर, किशोर श्रीवास्तव, शशि श्रीवास्तव दिल्ली, विपनेश माथुर न्यूज एंकर इंडिया न्यूज नई दिल्ली, सागर सूद-पटियाला पंजाब, महशर अजनबी गुडग़ांव, सुनिता सिंह-बहादुगढ़, हरियाणा, अनिल भदौही, जोधराज जी व्यास, घनश्याम, डॉ. प्रियंका डॉ. विनय, डॉ. बिजया, अरूण व्यास, इला, मुम्बई, नरेन्द्र, सोहन मोहता सूरत गुजरात, बसंत दम्माणी, श्वेता रमेश टिक्की- कोलकत्ता-पं. बंगाल आनन्द कुमार प्रेम प्रकाश विशाल, श्यामसुन्दर, शोभा, विमला-रांची, झारखंड प्रेमप्रकाश भुवनेश्वर उडि़सा, भगवानदास गुहा, रायपुर रामशर्मा जबलपुर, दीपक मासूम कुरूक्षेत्र, कमल कुमार व्यास मंडी, अर्चना त्रिपाठी बिहार, दीक्षा सविता-हरदोई (उप्र) के साथ प्रदेश डॉ रघुनाथ मिश्र, कपिल खण्डेलवाल-कोटा, देव शर्मा, नकुल गोयल जयपुर कृष्ण कुमार सैनी- दोसा, सलमान सिकन्दरबादी, दिनेश तूफानी-सिकन्दरा, अब्दुल समदराही-सोजत-पाली नरेश कुमारसेवक सनातन उदयपुर, रक्षितपरमार-झुंझनू कपिल पालि या ‘सूफी’ सुमित श्रीमती निकिता-अजमेर, सुधेश-ब्यावर, बुलाकीदास, राजसंमद, नरेन्द्र आचार्य उदयपुर!

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अनिल अनवर, मृदुला श्रीवास्तव, तारा प्रतापत प्रीत, राकेश पीहार-जोधपुर, राहुल-चुरू, इरफान नौमानी, जावेद जानशी-नागौर, महमूद हमसर, शम्मी शम्स वारसी आबू रोड़, रामगोपाल राही-बूंदी सयद साबिर हसन ‘रईस” अशोक सक्सेना टोंक इसी तरह प्रतिकात्मक रूप से बीकानेर से जिन राजस्थानी समर्थको में इस संदर्भ में में उपवास रखा वो है लक्ष्मीनारायण रंगा कासिम बीकानेरी, कमल रंगा, शिवशंकर भादाणी, मुखत्यार अली, माजिद खान गौरी, हरिनारायण आचार्य शहबाज खान, पुखराज सोलंकी, मुराद, शमशेर, कार्तिक मोदी, चम्पालाल, प्रशांत जैन, उस्मान हारून एवं एडवोकेट राजेश गुप्ता, कवि मईनुद्दीन ‘नाचीजÓ, शायर बीजू खान, शम्सूदीन, फिल्म निर्माता पूनम मोदी, अभिनेत्री रूबिना खान, गायक हसन अली, गृहिणी शारदा, शकूरन, ममता, शानू, शारदा, शायरा, डॉ. मंजू कच्छावा, डॉ. भंवर स्वामी, एडवोकेट सुरेन्द्र शर्मा, आनन्द गौड़, धर्मेन्द्र वर्मा, महावीर सांखला, राजेश गुप्ता, मोहन चौधरी, धर्मेन्द्र राठौड़, अनिल भारद्वाज, तोलाराम सारण, बीडी भादाणी, घनश्याम ओझा, भंवर मोदी, मनीष सुथार, शिवाजी आहुजा, राम अग्रवाल, कैलाश श्रीमाली, महावीर अग्रवाल, नरेन्द्र जैन, भैरूरतन, शंकर पारीक, जेठाराम हटिला, अंशुल पारीक, इन सभी उपवास धारकों ने एक साथ में अपनी भाषा-भावना, अस्मिता और पहचान की पीड़ा को मौन स्वर प्रदान कर केन्द्र सरकार की इस ओर शीघ्र निर्णय की आशा रखी है।

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संस्था द्वारा राजस्थानी मान्यता आंदोलन को गति देने में हमेश सृजनात्मक एवं सकारात्मक पहल की है। संस्था द्वारा आज 21 फरवरी को प्रात: 10:15 बजे नालन्दा पब्लिक में संकल्प लिया जाएगा तथा इसी तरह प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अन्य स्थानों पर भी एक साथ संकल्प लिया जाएगा।