बीकानेर। मुक्ति संस्था बीकानेर के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन शुक्रवार  को राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा शहर के अन्दर पहुँची । कार्यक्रम के संयोजक रंगा राजस्थानी  ने बताया कि शुक्रवार  को नत्थूसर गेट के बाहर  राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा में सैकड़ों लोगों ने संकल्प लिया, संकल्प के अपने हस्ताक्षर किए।

संकल्प यात्रा के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, कवि -आलोचक  डॉ नन्दकिशोर आचार्य थें, कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर जिला कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष जर्नादन कल्ला  ने की तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजस्थानी विद्वान वरिष्ठ साहित्यकार शिवराज छंगाणी  थें। दूसरे दिन की राजस्थानी भाषा संकल्प यात्रा का स्वागत करते हुए  कवि कथाकार एवं मुक्ति संस्था के सचिव राजेन्द्र जोशी ने कहा कि राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा मान्यता नहीं मिलने तक संचालित होती रहेंगी उन्होंने कहा कि बीकानेर शहर में यह राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा लगभग दो वर्ष पहले की गयी थी। जोशी ने कहा कि संकल्प यात्रा का यह पहला चरण संचालित हो रहा है तथा दूसरे चरण में छात्रों को जोड़ा जाएगा तथा तीसरे चरण में राज्य के अन्य जिलों में भी संचालित होगी।

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राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नन्दकिशोर आचार्य ने कहा कि लोकतंत्र में लोक की भावना की अवहेलना करने का अधिकार किसी भी सरकार को नहीं है।राजस्थान के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए केन्द्र सरकार को तुरंत राजस्थानी भाषा को मान्यता देनी चाहिए। कल्ला ने कहा कि पूरे विश्व में राजस्थानी भाषा बोलने और लिखने वाले नागरिकों की माँग को केन्द्र सरकार को लम्बे समय तक लम्बित नहीं रखना चाहिए । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष और राजस्थानी भाषा के विद्वान शिवराज छंगाणी ने कहा कि राजस्थानी भाषा मान्यता की माँग बरसों पुरानी है सरकार को सकारात्मक रूप से विचार करने की जरूरत है। नत्थूसर गेट के बाहर राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा में शामिल होकर अपने विचार रखते हुए वरिष्ठ साहित्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता की माँग पर सरकार समय रहते उचित निर्णय करे अन्यथा आन्दोलन को और तेज किया जाएगा।

कार्यक्रम में सम्पादक डॉ अजय जोशी एवं कवि चन्द्रशेखर जोशी ने कहा कि ऐसी संकल्प यात्रा को गाँव ढाणी तक ले जानी चाहिए । सखा संगम के अध्यक्ष एन डी रंगा एवं शिक्षाविद् गौरीशंकर व्यास ने कहा कि राजस्थानी भाषा हमारी सांस्कृतिक पहचान भी है मान्यता न देकर केन्द्र सरकार संस्कृति का अपमान कर रही है ।

यात्रा में चित्रकार योगेन्द्र पुरोहित, नागेश्वर जोशी, बृजगोपाल जोशी, विजय पुरोहित, जनमेजय व्यास, डॉ एम एल व्यास, अजय पुरोहित, पत्रकार गिरिराज हर्ष, राजेश पुरोहित, मुकेश जोशी, मुकेश किराड़ू, विजय सोनी, प्रशांत जैन, राजेश चौधरी, अनंत तॅवर एवं आनंद रंगा  सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित हुए और राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा में सैकड़ों लोगों ने संकल्प लिया 7 संकल्प यात्रा के समापन पर आभार प्रकट करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि शनिवार को प्रधानमंत्री महोदय के नाम एक हजार दो सो लोगों से अधिक हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन शनिवार को सुबह 10:50 बजे  जिला कलक्टर महोदय को सौपा जाएगा ।

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